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 रेलवे परिवहन


→ भारत की प्रथम रेलगाड़ी लार्ड डलहौजी के काल में 16 अप्रैल, 1853 को मुंबई से थाणे के बीच 34 किमी. लंबे मार्ग पर चलाई गयी थी । 

1854 में कोलकाता-रानीगंज के बीच 180 किमी. एवं 1856 में चेन्नई तथा अराकोनम के बीच 70 किमी. की रेल लाईन बिछाई गयी।

→ पहला विद्युतीकरण रेलमार्ग मुंबई से कुर्ला के बीच बना, जहाँ सर्वप्रथम 3 फरवरी 1925 को विद्युत रेलगाड़ी का परिचालन हुआ। → 1950-51 में रेलमार्गों की लंबाई 53596 किमी थी, जो 31 मार्च 2019 तक 67,415 किमी. हो गई।

भरतीय रेलवे के बेड़े में 12,147 इंजन, 67,597 यात्री गाड़ियां, 6406 अन्य कोंचिग वाहन और 2,89,185 डिब्बे है।

→ भारतीय रेलवे के कुल 67,415 किलोमीटर रेल नेटवर्क में से मार्च, 2019 तक 34,319 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है। यह कुल रेल नेटवर्क का 50.91 प्रतिशत है।

→ आज विश्व में लंबाई की दृष्टि से भारत का चौथा स्थान है (अमेरिका, रूस एवं चीन के बाद)।

मेट्रो रेल

→ देश में मेट्रो रेल की शुरूआत 1972 में कोलकाता मेट्रो रेलवे के साथ हुई थी। 

दमदम से टॉलीगंज तक विस्तृत इस रेलमार्ग की लंबाई 16.45 किमी. है।

दिल्ली मेट्रो रेल 1996 में स्वीकृत हुआ तथा प्रथम परिचालन 24 दिसम्बर 2002 को तीस हजारी से शाहदरा के बीच हुआ

→ नम्मा मेट्रो (बंगलुरू) दक्षिण भारत की पहली

मेट्रो रेल सेवा है।

मुंबई में मोनो रेल का परिचालन 02 फरवरी 2014 से आरंभ हुआ। यह भारत की पहली मोनो रेल सेवा है।

मुंबई में मेट्रो रेल सेवा का परिचालन 08 जून 2014 से आरंभ हुआ।

 कोंकण रेलवे परियोजना

गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा केरल से जोड़ने के लिए 1990 में कोंकण रेल परियोजना शुरू की गई। → इस परियोजना में आप्टा से मंगलौर तक 760 किमी. की लंबाई है। इस मार्ग पर रत्नगिरी के निकट कारबुडे स्थित सुरंग 6.5 किमी. लंबी है, जो विश्व में सबसे लंबी रेल सुरंग है।..........Part 2 




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