विश्व के महासागर ( समुद्री विज्ञान ) महत्वपूर्ण नोट्स
जलमंडल ( समुद्री विज्ञान )
जलमंडल का अर्थ सम्पूर्ण पृथ्वी के जल से है । सम्पूर्ण पृथ्वी का 3/4 ( 71%) पर जलमंडल का विस्तार है ।उत्तरी गोलार्ध का 60% और दक्षिणि गोलार्ध का 80% भाग महासागरों से ढका हुआ है। सम्पूर्ण जल का 97.5% जल महासागरों में है ,जो खारा है। जल राशि का मात्र 2.5% भाग ही स्वच्छ जल या मीठा जल है।
महासागरीय जल के दो महत्वपूर्ण गुण है।
- तापमान
- लवणता
समुद्री जल के लवणता को प्रति हजार में व्यक्त करते है , समुद्री जल के औसत लवणता लगभग 35 प्रति हजार होती है।
समान खारेपन वाले स्थानों को मिलाकर खींची गई रेखा को समलवण रेखा ( ISOHALINE ) कहते हैं। 20° से 40° उत्तरी अक्षांस और 10°से 30° दक्षिणि अक्षांसों के मध्य लवणता सबसे अधिक पायी जाती है ।
तुर्की की वान झील की लवणता सबसे अधिक (330%) है।
( दूसरा स्थान - मृत सागर - 238% ), ( तीसरा स्थान - साल्टलेक - 220% )
- प्रशांत महासागर
- अटलांटिक महासागर
- हिन्द महासागर
- आर्कटिक महासागर
- अंटार्टिका महासागर
प्रशांत महासागर
यह विश्व का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है । इसकी आकृति त्रिभुजाकार है। यह पृथ्वी के 1/3 भाग पर फैला हुआ है। इसका क्षेत्रफल लगभग 16.57 करोड़ वर्ग किमी है। इसकी औसत गहराई 7,300 मी0 है।
इसका शीर्ष बिंदु बेरिंग जलडमरूमध्य पर तथा आधार बिंदु अंटार्टिका महाद्वीप पर है। इस महासागर के पश्चिम में एशिया और आस्ट्रेलिया महाद्वीप है। पूरब में उत्तरी एवं दक्षिणि अमेरिका तथा दक्षिण में अंटार्टिका महाद्वीप है।
प्रशांत महासागर की मुख्य विशेषता इसमे उपस्थित प्रवाल भित्तियां है। इस विशाल महासागर में कुल मिलाकर 2000 से अधिक द्वीप है।
कुक द्वीप और सोसायटी द्वीप इस महासागर की मुख्य द्वीप है। ग्रेट बेरियर रीफ इसी महासागर में है।
अटलांटिक महासागर
यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है। यह सम्पूर्ण पृथ्वी का 1/6 भाग ( 8.296 करोड़ किमी ) तक फैला हुआ है।
इसकी आकृति ( S ) आकार के जैसी है। इसके पश्चिम में दोनों अमेरिका तथा पूरब में यूरोप और अफ्रीका, दक्षिण में अंटार्टिका है।
उत्तर में ग्रीनलैंड, हडसन की खाड़ी, बाल्टिक सागर तथा उत्तरी सागर स्थित है।
इस महासागर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता 'मध्य अटलांटिक कटक' ( Mid Atlantic Ridge) है। यह उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बोवेट द्वीप तक लगभग 14,000 किमी लंबा तथा 4000 मी0 ऊंचा है। यह एक जलमग्न कटक है। यह महासागर के अंदर दो प्लेट विवर्तनिकी के द्वारा बनी एक पर्वत माला होती है। यह प्रत्येक वर्ष 2.5 सेमी0 बढ़ता है।
भूमध्य रेखा के निकट रोमशे गर्त इसे दो भागों में बांटती है। उत्तरी भाग डॉल्फिन श्रेणी तथा दक्षिणि भाग का नाम चैलेंजर कटक है। आइसलैंड एवं अटलांटिक महासागर के बीच यह विविल थॉमसन कटक कहलाती है। ग्रीनलैण्ड एवं आइसलैंड के बीच टेलीग्राफिक पठार के नाम से प्रशिद्द है।अटलांटिक महासागर की सबसे ऊंची चोटी भूमध्य रेखा के निकट सेंट पॉल नामक द्वीप समूह की है।
इससे संबंध प्रमुख सागर बेफिन की खाड़ी , हडसन की खाड़ी , उत्तरी सागर, बाल्टिक सागर, मैक्सिको की खाड़ी, भूमध्यसागर तथा कैरेबियन सागर है।
अटलांटिक महासागर के प्रमुख ज्वालामुखी द्वीप बरमूडा, असेंसन , ट्रिस्ता दी कान्हा, सेंट हेलना, बोवेट, गुआ द्वीप है।
हिन्द महासागर
यह एक अर्द्ध महासागर है। इसका क्षेत्रफल लगभग 7.34 करोड़ वर्ग किमी है।यह एक तरफ प्रशांत महासागर और दूसरी तरफ अटलांटिक महासागर से मिला है। कर्क रेखा इस महासागर की उत्तरी सीमा है।
हिन्द महासागर के लक्षद्वीप तथा मालद्वीप प्रवाल द्वीप के उदाहरण है।इस महासागर के सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है।
हिन्द महासागर के वास्तव में दो तटवर्ती सागर है। लाल सागर और फारस की खाड़ी। अरब सागर ओर बंगाल की खाड़ी की गणना भी सागरों में की जाती है। लेकिन ये हिन्द महासागर के उत्तरी विस्तार मात्र ही है।
इस महासागर के जवालामुखी द्वीप मॉरीशस व रीयूनियन है। डियागो गार्शिया द्वीप इसी महासागर में है।
आर्कटिक महासागर
पृथ्वी के उत्तरी भाग में स्थित यह सबसे छोटा महासागर है। इसके अधिकांश भाग पर वर्फ़ जमा रहने के कारण इसको छिपता महासागर भी कहा जाता है। यह सबसे कम गहराई वाला महासागर है। इसी सागर में विश्व का सबसे चौड़ा महाद्वीपीय मग्नतट है। इसका क्षेत्रफल लगभग 1.40 करोड़ वर्ग किमी है। एवं इसकी औसत गहराई 1038 मी है।
अंटार्टिका महासागर
क्षेत्रफल की दृष्टि से महासागर ( घटते क्रम )
कुछ महत्वपूर्ण महासागरीय गर्त
हमारे पोस्ट लिखने का मुख्य लक्ष्य ...
मेरा लक्ष्य मुख्य रूप से उन परीक्षार्थियों के लिए है , जो बड़े कोचिंग संस्थान तक किसी कारणवश पहुंचने में सामर्थ्य नहीं है । आपके लिए कुछ अलग करना मेरा हर संभव प्रयास है। जिससे की हमारे डाले गए पोस्ट जोकि EXAMS को देखकर तैयार किया जाता है, आपके आने वाले exam में एक कारगर हथियार साबित हो ।
आप हमें हमारे site (helstudy.blogspot.com) या facebook ग्रुप Gk update general knowledge से जुड़ सकते है।
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इस महासागर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता 'मध्य अटलांटिक कटक' ( Mid Atlantic Ridge) है। यह उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बोवेट द्वीप तक लगभग 14,000 किमी लंबा तथा 4000 मी0 ऊंचा है। यह एक जलमग्न कटक है। यह महासागर के अंदर दो प्लेट विवर्तनिकी के द्वारा बनी एक पर्वत माला होती है। यह प्रत्येक वर्ष 2.5 सेमी0 बढ़ता है।
भूमध्य रेखा के निकट रोमशे गर्त इसे दो भागों में बांटती है। उत्तरी भाग डॉल्फिन श्रेणी तथा दक्षिणि भाग का नाम चैलेंजर कटक है। आइसलैंड एवं अटलांटिक महासागर के बीच यह विविल थॉमसन कटक कहलाती है। ग्रीनलैण्ड एवं आइसलैंड के बीच टेलीग्राफिक पठार के नाम से प्रशिद्द है।अटलांटिक महासागर की सबसे ऊंची चोटी भूमध्य रेखा के निकट सेंट पॉल नामक द्वीप समूह की है।
इससे संबंध प्रमुख सागर बेफिन की खाड़ी , हडसन की खाड़ी , उत्तरी सागर, बाल्टिक सागर, मैक्सिको की खाड़ी, भूमध्यसागर तथा कैरेबियन सागर है।
अटलांटिक महासागर के प्रमुख ज्वालामुखी द्वीप बरमूडा, असेंसन , ट्रिस्ता दी कान्हा, सेंट हेलना, बोवेट, गुआ द्वीप है।
हिन्द महासागर
यह एक अर्द्ध महासागर है। इसका क्षेत्रफल लगभग 7.34 करोड़ वर्ग किमी है।यह एक तरफ प्रशांत महासागर और दूसरी तरफ अटलांटिक महासागर से मिला है। कर्क रेखा इस महासागर की उत्तरी सीमा है।
हिन्द महासागर के लक्षद्वीप तथा मालद्वीप प्रवाल द्वीप के उदाहरण है।इस महासागर के सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है।
हिन्द महासागर के वास्तव में दो तटवर्ती सागर है। लाल सागर और फारस की खाड़ी। अरब सागर ओर बंगाल की खाड़ी की गणना भी सागरों में की जाती है। लेकिन ये हिन्द महासागर के उत्तरी विस्तार मात्र ही है।
इस महासागर के जवालामुखी द्वीप मॉरीशस व रीयूनियन है। डियागो गार्शिया द्वीप इसी महासागर में है।
आर्कटिक महासागर
पृथ्वी के उत्तरी भाग में स्थित यह सबसे छोटा महासागर है। इसके अधिकांश भाग पर वर्फ़ जमा रहने के कारण इसको छिपता महासागर भी कहा जाता है। यह सबसे कम गहराई वाला महासागर है। इसी सागर में विश्व का सबसे चौड़ा महाद्वीपीय मग्नतट है। इसका क्षेत्रफल लगभग 1.40 करोड़ वर्ग किमी है। एवं इसकी औसत गहराई 1038 मी है।
अंटार्टिका महासागर
यह दक्षिणि महासागर के नाम से भी जाना जाता है। यह चौथा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे छोटा महासागर है। यह महासागर अंटार्टिका महाद्वीप के चारो ओर फैला है। इनमे अनेक हिमशैल तैरते रहते है। यह महासागर एक स्वतंत्र महासागर न होकर बल्कि अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर तथा हिन्द महासागर का दक्षिणि विस्तार मात्र है।
प्रशांत महासागर >अटलांटिक महासागर > हिन्द महासगार >अंटार्कटिक महासागर > आर्कटिक महासागर
कुछ महत्वपूर्ण महासागरीय गर्त
◆ मेरियाना गर्त। - प्रशांत महासागर (11,022 मी)
◆ टोंगा गर्त - प्रशांत महासागर (9000मी)
◆ मिंडनाओ गर्त - प्रशांत महासागर ( 10500 मी )
◆ प्यूरीटो रिको गर्त - अटलांटिक महासागर(कैरिबियन सागर - 8,392 मी)
◆ रोमशे गर्त - दक्षिण अटलांटिक महासागर ( 7254 मी )
◆ सुंडा गर्त - पूर्वी हिन्द महासागर ( जावा द्वीप - 8152 मी)
हमारे पोस्ट लिखने का मुख्य लक्ष्य ...
मेरा लक्ष्य मुख्य रूप से उन परीक्षार्थियों के लिए है , जो बड़े कोचिंग संस्थान तक किसी कारणवश पहुंचने में सामर्थ्य नहीं है । आपके लिए कुछ अलग करना मेरा हर संभव प्रयास है। जिससे की हमारे डाले गए पोस्ट जोकि EXAMS को देखकर तैयार किया जाता है, आपके आने वाले exam में एक कारगर हथियार साबित हो ।
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